Kerala Gold Scam: कोरोना के दौर में केरल का एक मामला लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने में कामयाब रहा. एक बड़े सिंडिकेट के जरिए एक कई कुंतल सोने की तस्करी (Gold Smuggling) की गई. अब आप सोच रहे होंगे कि ये सब सिस्टम की नजरों से बचा कैसे रहा, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस पूरे मामले में सिस्टम के अधिकारी ही मुख्य भूमिकाओं में नजर आए हैं. इस मामले की परतें खोलने से पहले आपको इसके बारे में बता देते हैं. इस Kerala Gold Scam की पहली कड़ी 5 जुलाई 2020 को सबके सामने खुली. जब तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर सीमा शुल्क के अधिकारियों ने UAE वाणिज्य दूतावास कार्यालय के लिए आए डिप्लोमेट कार्गो को रोका और उनके पास से 30 किलो सोना बरामद किया गया. यह सोना कथित तौर पर तस्करी करके लाया गया था. जिसकी कीमत 13.5 करोड़ आंकी जा रही है.
यहां तक तो इसे सिर्फ तस्करी का मामला समझा जा रहा था. लेकिन खंगालने के दौरान पता चला कि स्वप्ना सुरेश UAE वाणिज्य दूतावास के नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके सोने की तस्करी में शामिल कई खिलाड़ियों को राजनयिक चैनल से जोड़ने वाली एक अहम कड़ी है. इसमें स्वप्न के अलावा पीएस सारिथ, दुबई का फैजल फरीद और मल्लपुरम से केटी रमीज और संदीय नायर शामिल है. स्वप्ना सुरेश की जिम्मेदारी सोना भारत में लाने और ले जाने की होती थी. एयरपोर्ट के बाहर आने के बाद कथित तौर पर तस्करी का सोना संदीप नायर और रमीज संभाल लेते थे. मामले की जांच कर रही NIA ने मीडिया से बताया कि यह खेल पिछले 8 से 9 महीनों से चल रहा था जहां यह करीब 180 किलोग्राम सोना की तस्करी कर चुकी हैं.
कौन है Swapana Suresh/ Kerala Gold Scam
Swapana Suresh के एक चालबाज और शाति तस्कर बनने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. स्वप्ना सुरेश, अबू धाबी में अपने पिता के साथ छोटे-मोटे व्यवसाय में हाथ बंटाया करती थी. दुबई के एक व्यवसायी के साथ उसकी छोटी उम्र में शादी हो गई लेकिन यह शादी का बंधंन ज्यादा टिक नहीं पाया और इसी के बाद से सारी कहानी शुरू हुई. वहां से लौटकर स्वप्ना तिरुवनंतपुरम आ गई और करीब 10 सालों तक कई ट्रैवेल एजेंसियों में काम करती रही. जांच कर रही एजेंसी के अधिकारियों का दावा है कि इसी दौरान वह तस्करों के संपर्क में आ गई.
साल 2013 में स्वप्ना ने कथित फर्जी दस्तावेजों के मदद से सरकार के अधिपत्य वाली एयरलाइन ग्राउंड हैंडलिंग विंग, Air India STS में HR विभाग के एक कार्यकारी के तौर पर नौकरी हासिल की. 2016 में स्वप्ना ने तिरुवंनतपुरम स्थित UAE के वाणिज्य दूतावास के दफ्तर में नौकरी हासिल की. लेकिन यह साफ नहीं हो पाया है कि उसने यहां भी नौकरी पाने के लिए भी नकली डिग्री का इस्तेमाल किया था या नहीं. मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक केरल सरकार की एक प्रमुख सलाहकार फर्म प्राइस वाटरहाउस कूपर्स की ओर से एक अनजान-सी प्लेसमेंट एजेंसी को शॉर्टलिस्ट किय़ा गया था. मतलब यहां भी कुछ गड़बड़ होने की पूरी आशंका है. इसके बाद उसे केरल स्टेट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के Space Park में ऑपरेशनल मैनेजर के तौर पर काम पर रखा गया था. यहां से उसके तार सरकारी अमले से जुड़े हुए मालूम होते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जांच में सामने आया है इस नौकरी के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रिंसिपल सेक्रेटरी और आईटी सचिव एम शिवशंकर ने यह पद पाने में सहयोग किया था. फिलहाल इस मामले के बाद एम शिवशंकर खुद जांच के घेरे में हैं और कई अनियमितताओं के चलते उनके खिलाफ जांच की जा रही है.
स्वप्ना सुरेश की सत्ता से नजदीकियां/ Kerala Gold Scam
Swapana Suresh के साथ संपर्क में कई बड़े नाम शामिल हैं. एम शिवशंकर के बाद स्वप्ना सुरेश के साथ कथित संपर्कों को लेकर मुश्किलों में एक और बड़ी हस्ती का नाम है. यह नाम है अरुण बालाचंद्रन का. अरुण, सीएम पिनराई विजयन के करीबी माने जाते हैं. इन्होंने शिवशंकर के अधीन राज्य सरकार की कई डिजिटल सलाहकार समिति में निदेशक मार्केटिंग और ऑपरेशन के तौर पर काम किया है. कोच्चि डिजाइन वीक के दौरान मंच पर एम शिवशंकर के पीछे सबसे ज्यादा नजर आने वाला चेहरा बालाचंद्रन का ही था. मजे की बात ये है कि यहां स्वप्ना ने अनौपचारिक रूप से मेहमानवाज की भूमिका निभाई थी. इन्हीं सब वजह से यह मामला विपक्ष के लिए खासा महत्वपूर्ण है लेकिन मुख्यधारा की मीडिया द्वारा इसे ज्यादा तवज्जों नहीं मिल रही है इसलिए विपक्ष की आवाज बुलंद नहीं हो पा रही है.

कई घोटालों में महिलाओं की भूमिका
केरल में महिलाओं का इतिहास निर्मम रहा है. कई घोटालों में महिलाओं की भूमिका लोगों को हैरान कर रही है. साल 2013 में आइसक्रीम पार्लर केस खासा चर्चित रहा था. जहां कई राजनेताओं का नाम यौन शोषण की संलिप्तता से जुड़ा था. सोलर स्कैम में भी सिर्फ सरिता नायर पर ध्यान केंद्रित हुआ था. अब स्वप्ना सुरेश की कहानी भी केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की कुर्सी के लिए चुनौती बन गई है. बहरहाल अभी मामले की कई परतें उधड़ी जानी बाकी हैं, देखतें इस बार ऊंट किस करवट बैठता है.